हे गिरिजा पुत्र भगवान श्री गणेश आपकी जय हो। आप मंगलकारी हैं, विद्वता के दाता हैं, अयोध्यादास की प्रार्थना है प्रभु कि आप ऐसा वरदान दें जिससे सारे भय समाप्त हो जांए।
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
मंत्र महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् - अयि गिरिनन्दिनि
अर्थ: हे शिव शंकर भोलेनाथ आपने ही त्रिपुरासुर (तरकासुर के तीन पुत्रों ने ब्रह्मा की भक्ति कर उनसे तीन अभेद्य पुर मांगे जिस कारण उन्हें त्रिपुरासुर कहा गया। शर्त के अनुसार भगवान शिव ने अभिजित नक्षत्र में असंभव रथ पर सवार होकर असंभव बाण चलाकर उनका संहार किया था) के साथ युद्ध कर उनका संहार किया व सब पर अपनी कृपा की। हे भगवन भागीरथ के तप से प्रसन्न हो कर उनके पूर्वजों की आत्मा more info को शांति दिलाने की उनकी प्रतिज्ञा को आपने पूरा किया।
O Lord! I beseech Your aid and search for your divine blessing at this incredibly moment. Conserve and secure me. Damage my enemies with all your Trishul. Launch me with the torture of evil feelings.
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास shiv chalisa lyricsl शिवपुर में पावे॥
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु मम संकट भारी॥
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण ॥